उदयपुर में स्तिथ भामाशाह का पुतला
Life Size statue of the Chowta Queen Abbakka in Ullal
One of the well known open-world Rockstar’s Grand Theft Auto 6 or additionally broadly known as GTA 6, will be having its entire new form in the closest future. Created by Rockstar Games, the new GTA amusement Grand Theft Auto VI will be having a noteworthy update from the past variant. Aside from the undeniable new story line, fans are supposedly expecting two or three changes inside the up and coming amusement.
A Strong Female Protagonist:
Usually the GTA Characters are assaulted with a solid male hero and with absence of ladies’ depiction. The past renditions of GTA all make them thing in like manner – the male fundamental character. According to the official GTA 6 news it is said that in regards to time that Rockstar would make a solid female prompt run the show. We had Franklin, Michael, Trevor, Niko and Carl Johnson, yet it is stunning to have Amanda or Paula to make some tumult in the diversion.
Virtual Reality:
Grand Theft Auto VI offers huge amounts of routes for players to take an interest in the storyline, but since of the restriction to the players claim gadgets, very few players can do as such. Rockstar has uncovered that it is presently conceivable to play the diversion essentially through a VR Support on a PlayStation, and this new component will be only astounding and will definitely make the GTA 6 fans go Crazy about the game.
New Location:
Fans are purportedly asking for a totally fresh out of the box new city to investigate, other than the returned to city, for example, San Andreas. GTA 6 has likewise gone similar to London and Alderney, however players are anticipating investigating different urban areas, for example, Chicago, Washington DC and even New Orleans.
Better Realistic Variations:
Rockstar is including more practical components into the up and coming GTA diversion, a request that has been hotly anticipated by fans to be listened. Grand Theft Auto VI will enable players to devastate more dividers and even explode structures utilizing a plane. The amusement will likewise observe places that were beforehand wrecked gets modified, with the presence of development specialists and other appropriate, sensible components.
Synchronous Console and PC Release:
Players are seeking after the PC variant of the following GTA diversion will be discharged in the meantime as its comfort discharge, without the long hold up like the past adaptations. Up until this point, there has been no sign that Rockstar would do as such. Grand Theft Auto VI might be accessible on Xbox One and PlayStation 4 of every 2020, and the PC adaptation will most likely be discharged in the next year.
मुंबई : श्री नाकोडा भैरव दर्शन धाम महातीर्थ की पावन धन्य धरा पर जाप-ध्यान निष्ठ, जन-जन की आस्था के केंद्र, महामंग्लिक सम्राट, राष्ट्रसंत प.पू. आचार्यश्री चंद्राननसागरसूरीश्वर्जी म.सा. द्वारा अपने वरद हस्तों से अपने शिष्य प.पू. पंन्यास प्रवार्श्री गुणचन्द्रसागरजी म.सा. को सागर समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यश्री दौलतसागर सुरिश्वर्जी म.सा. की आज्ञा से आचार्य पदवी प्रदान की गई| पूज्य गुरुदेवश्री ने आचार्य पद की सभी क्रियाओं को करवाया एवं नूतन आचार्यश्री को सूरी मन्त्र सुनाया| इस मंगलवेला में गुरुदेवश्री ने फ़रमाया की आचार्य पद नवकार महामंत्र के तीसरे पद को शोभायान करता है| आचार्य पद तीर्थंकरो द्वारा प्रदत संयम जीवन का सबसे बड़े वरदान जैसा है, इस पद के साथ ही देव , गुरु और धर्म की प्रभावना बढ़ाने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है| इस पद की गरिमा है की सरलता, सहजता और विनम्रतापूर्वक धर्मानुयागीयों और संघों के साथ जुड़ाव बढ़ाना और धर्म प्रभावना के सक्रुत्यों की प्रेरणा करना| मुनिश्री मननचन्द्रसागरजी म.सा. ने साधु से गणिवर्य, पंन्यासप्रवर और उपाध्याय पद के बाद आचार्य पद तक के जीवन का महत्त्व बताया| इस शुभ प्रसंग पर भारतभर से अनेकों गच्छाधिपति एवं आचार्य भगवंतों के मंगलकामना संदेश आए तथा गुरुदेवश्री एवं अन्य सभी साधु-साध्वीजी भगवंतों ने उनके आचार्य पद की मंगलकामना की | इस पावन मंगलमय वेला में मुनिश्री हरीशचन्द्रसागरजी म.सा., मुनिश्री पुष्पचन्द्रसागरजी म.सा., मुनिश्री जैनेशचंद्रसागरजी म.सा. मुनिश्री मननचंद्रसागरजी म.सा. एवं विदुषी साध्वीजी कल्पिताश्रीजी म.सा., साध्वीजी चारुलताश्रीजी म.सा. साध्वीजी आशिताश्रीजी म.सा. साध्वीजी रिषिताश्रीजी म.सा. का पावन सानिध्य रहा| इस पावन वेला में नाकोड़ा भैरव दर्शन धाम महातीर्थ के अध्यक्ष कांतिलाल शाह, महामंत्री दिनेश ज्योतिश्चंदजी तेलिसरा, सुरेश जैन, ललित जगावातादी ट्रस्ट मंडल सहित भारत भर से पधारे सभी संघों के पदाधिकारियों एवं गुरुभक्तों की गरिमामय उपस्थिति रही| संगीतकार निखिल सोनीगरा ने भक्ति गीतों से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई
मुंबई : संयम सरगम कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 16 नवंबर 2016 को घाटकोपर में प.पू. पन्यास प्रवर श्री तत्वदर्शनविजयजी म.सा. के मार्गदर्शन में 26 वर्षीय सीए जैनेश जसाणी ने संयम मार्ग को अंगीकार कर दीक्षा ग्रहण की| ज्ञात हो कि दीक्षा से पूर्व 13 नवंबर को जैनेश जसाणी ने घाटकोपर की सामान्य जनता को कपड़े व अन्नदान किया और 14 नवंबर को घाटकोपर के चिंतामणि जैन मंदिर के प्रांगण में आयोजित टॉक शो विथ दिक्षार्थी में दीक्षा के निर्णय उपरांत भौतिक, शारीरिक तथा मानसिक सुखो के दूसरी तरफ आध्यत्मिक आनदं की अनुभूति का जिवंत परिचय देते हुए कहा कि जैन धर्म और जैन तत्व ज्ञान को समझना आवश्यक है और इसके लिए तप-ध्यान-त्याग द्वारा मोक्ष की प्राप्ति कैसे संभव है आदि समझना चाहिए| प्रत्येक आत्मा साधना से परमात्मा कैसे बन सकती है, यह समझने के लिए भगवान महावीर की शिक्षा अंगीकार करनी चाहिए| घर-परिवार, भौतिक सुख-साधन और मोह-माया का त्याग कर सांसारिक जीवन से दीक्षा लेना, दिव्य कर्तव्य है इसलिए कठोर साधना के साथ गुरु के सानिध्य में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना जरुरी है| जैन दीक्षा निमित्त धार्मिक कार्यक्रम व प्रवचनों के कार्यक्रम किये गये| श्री जसाणी को दीक्षा पश्चात उनका नामकरण कर मुनिराजश्री शुक्लध्यानविजयजी म.सा. के शिष्य के रूप में मुनि श्री जिनवात्सल्यविजयजी म.सा. नूतन नाम प्रदान किया गया|
मुंबई : अध्यात्मयोगी प. पू. आचार्य श्री कलापूर्णसुरिश्वर्जी म.सा. के समुदाय्वर्ती प.पू. पंन्यासश्रीजी तत्वदर्शनविजयजी म.सा. को आचार्यपद प.पू. आचार्यश्री तीर्थभद्र म.सा. के शुभ हस्तो से दिनांक १८.११.१६ को भव्य समारोह में अरोइत किया गया | साथ इस अवसर पर १९ वर्षीय मुमुक्षु क्रिश नरेन्द्र गाला ने भगवती प्रवज्या अंगीकार की | आचार्यश्री तीर्थभद्र सुरिश्वर्जी म.सा. के शुभ हस्तो से दीक्षा ग्रहण कर उनका नूतन नामकरण कर मुनिश्री तीर्थसुंदरविजयजी म.सा. के शिष्य रूप में मुनिराज श्री तीर्थघोषविजयजी म.सा. घोषित किया गया | दीक्षा की पूर्व रात्री को सागर चक्रवती के जीवन पर आधारित एक नाटक को मंचन किया गया | राजपथ नामक इस नाटक में सागर चक्रवती की मुख्य भूमिका मुमुक्षु क्रिश ने बहुत ही सटीक रूप से निभाई |
पालीताणा : श्री शत्रुंजय महातीर्थ की शीतल व प्रभावी छात्रछाया में सौधर्मब्रहत्पोगच्छीय जैनाचार्य प.पू. श्रीमद् विजय जयानंदसुरिश्वर्जी म.सा. आदि ठाणा की पावन निश्रा में मार्गशीर्ष वद १०, बुधवार दिनांक २३.११.१६ के शुभ दिवस सौ. मंजुदेवी भूरमलजी बंदामुथा (धागसा), कुमारी पायल कमलचंदजी वाजवत (आहोर), कुमारी सुहानी (सूरत) , कुमारी श्रद्धा संजयजी रामानी (गुडा बालोतान) की भगवती प्रवज्या उल्लासमय वातावरण में संपन्न हुई | नूतन साध्वीजी के नाम क्रमश: साध्वीजीश्री मुक्तिचेत्याश्रीजी , साध्वीजीश्री मुक्तिअभयाश्रीजी , साध्वीजी आदियशाश्रीजी , साध्वीजी श्री मुक्तिश्रेयाश्रीजी म.सा. का नामकरण हुआ| साथ ही इस शुभ अवसर पर आहोर निवासी शा. छगनराजजी नागराजजी वजावत परिवार की ओर से आचार्यश्री जयानंदसुरिश्वर्जी म.सा. की अज्ञानुव्रती शासन दीपिका प्रवर्तिर्नी प.पू. साध्वीजी मुक्तिश्रीजी म.सा की शिष्य साध्वीजी श्री कुशलप्रभाश्रीजी , वसंतबालाश्रीजी आदि ठाणा के २०१७ के चातुर्मास की घोषणा उदयपुर में कराने की जय बुलाई गयी है |
उज्जैन : कुक्षी निवासी मुमुक्षु सविता जैन ने हजारों श्रावक-श्राविकाओं की मौजूदगी में सांसारिक जीवन का त्यागकर लोकसंत प.पू. श्रीमद् विजय जयंतसेनसुरिश्वर्जी म.सा. आदि ठाणा के पावन सानिध्य में संयम पथ अंगीकार किया| राष्ट्रसंत श्रीमद् विजय जयंतसेनसुरिश्वर्जी ने जैसे ही मुमुक्षु सविता जैन को दीक्षा मंत्र के साथ ओघा(चरवला) प्रदान किया तो वे अंतमरण से झूम उठी और सांसारिक चोला छोड़ने के पहले खूब नृत्य किया | फिर केशलोचन के बाद साध्वी वेश धारण किया| राष्ट्रसंत ने ४३ वर्षीय मुमुक्षु सविता जैन को नूतन नामकरण कर साध्वी श्री जीतयशाश्रीजी म.सा. नाम प्रदान किया |उल्लेखनीय यह है की वर्ष १९९८ में राष्ट्रसंत चातुर्मास के लिए कुक्षी आये थे|इमके उपदेशों से प्रेरित होकर कुक्षी निवासी सविता जैन को दीक्षा के भाव जागे थे| राष्ट्रसंत ने दीक्षा मंत्र-सूत्रों का उल्लेख कर दीक्षा विधि संपन्न कराई | राष्ट्रसंत ने मुमुक्षु का नामकरण जीतयशाश्रीजी किया तो पंडाल जिनशासन के जयकारों से गूंज उठा|
पंन्यास पद का वासक्षेप करते हुए आचार्यश्री हेमेन्द्रसूरीजी म.सा.
आचार्यपदवी भीनमाल
भीनमाल ने मुनि श्री नरेन्द्रविजयजी म.सा. को उपाध्याय पद प्रदान करते हुए आचार्यश्री
७२ जिनालय प्रतिष्ठा
रतलाम में प्रतिष्ठा
श्री मोहनखेड़ा में दीक्षादान